पूर्व मे भी केमिकल कारखाना मालिकों पर हो चुके है केस दर्ज शाम होते ही कारखानों से छोड़ते जहरीली गैस,जल स्रोतों में घुला केमिकल
संवादाता,रितिक शर्मा

मेघनगर!
कई सालों से कारखानों की गैस और केमिकलयुक्त पानी पी रहे मेघनगर के लोग एवं सैकड़ों मवेशियों की केमिकलयुक्त पानी पीने से हुई मौत के बाद भी कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई उद्योगों से निकलने वाले प्रदूषित पानी के कारण आसपास के ग्रामवासियों को स्वच्छ पीने का पानी नहीं मिलने, केमिकल उद्योगों से निकलने वाला पानी उनके ग्राम के भूमिगत जल, कुओं, तालाब में रिसाव के कारण जल स्रोतों में केमिकलयुक्त पानी घुलने से रहवासी बीमार हो रहे हैं। उनके पशु मर रहे हैं।
मध्य रात्रि में इन उद्योगों से केमिकलयुक्त पानी, जहरीली गैसों को छोड़ा जाता है। इसके कारण प्रदूषित वायु से नुकसान होने पर आसपास के ग्रामवासियों की शिकायत को संज्ञान में लेते हुए कई बार इन पर कार्यवाही तो हुई एवं मोके पर जाँच के बाद इन्हे सील भी किया गया परंतु इनका पुनः संचालन समझ से परे है परंतु कुछ समय बाद या आधी रात में संचालन की अटकले सुनाई देती है अब जब चुनाव नजदीक है तो आसपास के रहवासी एवं ग्रामीण एक सुर में विरोध की तैयारी कर रहे है तो निश्चित प्रशासन को इस और अब कठोर कदम उठाना होगा क्योकि यहाँ स्थापित इकाईया अब विस्तार रूप लेने वाली है जिससे आगे स्थिति ओर गंभीर होने वाली तो अब ऐसे जनप्रतिनिधि की नगरवासियो को आस है जो इस मुद्दे पर जनता के साथ खड़े होकर आवाज उठाये